Wednesday, February 11, 2009

क्या लिखूँ

क्या लिखूँ
कुछ जीत लिखू या हार लिखूँ
या दिल का सारा प्यार लिखूँ
कुछ अपनो के ज़ाज़बात लिखू
या सापनो की सौगात लिखूँ
डूबते सुरज को देखूँ
या उगते फूल की सान्स लिखूँ
वो पल मे बीते साल लिखू
या सादियो लम्बी बaत लिखूँ
मै तुमको अपने पास लिखू
या दूरी का ऐहसास लिखूँ
मै अन्धे के दिन मै झाँकू
या आँन्खो की मै रात लिखूँ
मीरा की पायल को सुन लुँ
या गौतम की मुस्कान लिखूँ
बचपन मे बच्चौ से खेलूँ
या जीवन की ढलती शाम लिखूँ
सागर सा गहरा हो जाॐ
या अम्बर का विस्तार लिखूँ
सावन कि बारिश मेँ भीगूँ
या आन्खो की मै बरसात लिखूँ
गीता का अॅजुन हो
जाॐ या लकां रावन राम लिखूँ
मै हिन्दू मुस्लिम हो जाॐ
या बेबस ईन्सान लिखूँ
मै ऎक ही मजहब को जी लुँ
॰॰॰या मजहब की आन्खे चार लिखूँ
कुछ जीत लिखू
या हार लिखूँया
दिल का सारा प्यार

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