आसमा से उपर....
आसमा से उपर....
एक उड़ान की ख़्वाहिश है..!!
जहाँ हो हर क़दम सितारो पर....
उस ज़मीन की ख़्वाहिश है..!!
जहाँ पहचान हो लहू की हर एक बूँद की....
उस नाम की ख़्वाहिश है..!!
जहाँ खुदा भी आके मुझसे पूछे.....
"बता, क्या लिखू तेरे मुक्क़दर मे....?"
उस मुकाम की ख़्वाहिश है..!!
सबको प्यार देने की आदत है हमे,
अपनी अलग पहचान बनाने की आदत है हमे,
कितना भी गहरा जख्म दे कोई,
उतना ही ज्यादा मुस्कुराने की आदत है हमे.....!!!
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