Thursday, November 19, 2009

अगर तुम न होते तो ,

अगर तुम न होते तो ,
प्यार न होता ,ऐसा नही,
पर वो प्यार इतना प्यारा न होता ,

अगर तुम न होते तो ,
मै हंसती नही ,ऐसा नही,
पर वो हँसी ,एक दिखावा होती ,

अगर तुम न होते तो ,
यह दिल धड़कता नही ,ऐसा नही,
पर वो धड़कन सिर्फ़ ह्रदय को गतिमान रखने के लिए होती ,

अगर तुम न होते तो,
यह सांसें न चलती ,ऐसा नही ,
पर वो सांसें सिर्फ़ इस शरीर को जिंदा रखने का बहाना होती ,

अगर तुम न होते तो,
यह एहसास न होते ,ऐसा नही ,
पर उन एहसासों मै वो प्यार वो जज्बा न होता,

अगर तुम न होते तो,
मै न होती, ऐसा नही ,
पर तब "तुम्हारी जान "बेजान होती ..................

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